नमस्कार आज हम आपको इस ब्लाग/वीडियो में बताएंगे कि आप किस तरह एसिडिटी की समस्या को योग एवं कुछ घरेलू उपायों के माध्यम से हमेशा के लिए कैसे खत्म कर सकते हैं।
पर पहले हम यह समझ लेते हैं कि एसिडिटी आखिर होती क्या है और इसका जन्म हमारे शरीर में किस तरह होता है……..
एसिडिटी के लिए योग एवं घरेलू उपाय के माध्यम से हम एसिडिटी की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं इसलिए इस ब्लाग/वीडियो को अच्छी तरह से देखें और समझें कि किस तरह से एसिडिटी के लिए योग एवं घरेलू उपाय कारगर होते हैं।
शरीर के कार्य प्रणाली में स्टमक एसिड का बहुत बड़ा स्थान होता है, हमारे पेट की ग्रंथियां इस एसिड को लगातार उत्पन्न करती हैं, यह एसिड शरीर में भोजन को पचाने के साथ-साथ पेट में उन बैक्टीरिया को भी मारती है, जो शरीर के लिए कष्टदायक और बीमारी फैलाने वाले होते हैं। परन्तु यही स्टमक एसिड जब हमारी गलतियों की वजह से अनियंत्रित हो जाता है तो यह हमारे शरीर में एसिडिटी की समस्या को जन्म दे देता है।
एसिडिटी एक ऐसी चिकित्सक स्थिति है जो पेट में एसिड के अधिक उत्पादन के कारण होती है
एसिडिटी के कारण पेट में सूजन, अपच, खट्टी डकारें, पेट फूलना, जी मचलाना, उल्टी आने जैसा महसूस होना और सीनें में जलन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
यह आमतौर पर कई कारकों के कारण होता है जैसे अनियमित खाने के तरीके, अत्याधिक तनाव, प्रर्याप्त नींद न लेना, शारीरिक गतिविधियों की कमी, शराब का सेवन, स्मोकिंग, ज्यादा मसालेदार और तला भुना भोजन, मांसाहारी भोजन का सेवन तथा बहुत ज्यादा ठंडे पानी का लगातार सेवन तथा अधिक चाय पीने की आदत भी एसीडिटी की समस्या को बढ़ावा देती है।
इन सभी कारणों से लोगों को एसिडिटी होने का खतरा अधिक होता है।
एसिडिटी कम करने के प्राकृतिक तरीके क्या हैं?
एसिडिटी को कम करने के कुछ प्राकृतिक तथा घरेलू तरीके इस प्रकार हैं
बादाम: यह पेट के रस को बेअसर करता है, दर्द से राहत देता है और एसिडिटी को पूरी तरह रोकता है।
केला और सेब: केले में प्राकृतिक रूप से एंटासिड होता है जो रात को सोने से पहले सेब के कुछ स्लाइस के सेवन से एसिडिटी से राहत मिलती है।
नारियल पानी: नारियल पानी पीने के दौरान, शरीर का पीएच एसिडिक लेवल क्षारीय हो जाता है और यह पेट में बलगम पैदा करता है, श्लेष्म पेट को अत्यधिक एसिड उत्पादन के गंभीर प्रभाव से बचाता है, यह फाइबर युक्त पानी पाचन का समर्थन करता है और एसिडिटी के प्रेषण को रोकता है।
गन्ने का रस: एक गिलास गन्ने के रस में एक चुटकी सेंधा नमक व एक चौथाई नींबू के टुकड़े का रस मिलाकर पीएं एसिडिटी से राहत मिलती है।
मेथी के दाने: मेथी के दानो का इस्तेमाल करें। 1 चम्मच मेथी को रात भर 1 गिलास पानी में भिगोने के लिए रख दें, सुबह उठकर इसे छानकर पीएं।
तुलसी: तुलसी न केवल एसिडिटी में लाभदायक है बल्कि मानसिक और अन्य शारीरिक रोगों में भी बेहद प्रभावी औषधी है। खाने के बाद तुलसी के कुछ पत्तों को चबाएं।
सौंफ: एसिडिटी को रोकने के लिए आप खाने के तुरंत बाद सौंफ भी खा सकते हैं। पेट को स्वस्थ बनाए रखने में यह बेहद मददगार साबित होती है। इसमें वातहर गुण मौजूद होता है, जो गैस की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
दूध: कैल्शियम से भरपूर दूध एसिडिटी के दर्द को शांत कर देता है। इसीलिए जब भी आपको पेट में दर्द या जलन महसूस हो तो उसी वक्त एक ग्लास ठंडा मीठा दूध पी लें।
पर्याप्त नींद: कम से कम 7 से 8 घंटे लगातार सोएं।
एसिडिटी के लिए ५ योगासन
मलासन
वज्रासन
पवनमुक्तासन
सेतुबंधासन
हलासन
एसिडिटी के लिए ३ प्राणायाम
चन्द्रभेदी प्राणायाम
शीतली प्राणायाम
शीतकारी प्राणायाम