नौकासन योग करते समय हमारे शरीर का आकार नौका यानि नाव(Boat) के समान रहता है इसीलिए इस योग को नौकासन और अंग्रेजी में Boat Pose कहा जाता हैं। वजन को नियंत्रित करने तथा पेट की चर्बी कम करने और कमरदर्द को कम करने के लिए यह एक उपयोगी योगासन हैं।
जो लोग अपने बढ़े हुए पेट से परेशान है या जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है उन्होंने नौकासन योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए। यह योगासन दिखने में तो आसान है पर शुरुआत में इस आसन को करने में आपको मुश्किल पड़ सकती हैं। रोजाना अभ्यास के साथ आप नौकासन योग में महारत हासिल कर इसके लाभ ले सकते हैं।
कोई भी योग करते समय उसे सही तरीके से करना जरुरी होता है अन्यथा उस योग से लाभ होने की जगह आपको उससे हानि भी हो सकती हैं।
नौकासन की विधि, फायदे और सावधानियां:
नौकासन की विधि:
•सबसे पहले एक स्वच्छ और सपाट जगह पर दरी या Yoga mat बिछाए।
•अब पीठ के बल उस पर लेट जाए।
•दोनों पैरो को एक साथ जोड़ ले और हाथों को शरीर से सटाकर रखे।
•एक गहरी लम्बी सांस ले और अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए सिर, पैर, छाती और हाथों को ऊपर उठाए।
•आपके हाथ आपके जांघ (Thigh) के ठीक ऊपर होने चाहिए। पैर को सीधा रखे और घुटने से नहीं मोड़ना चाहिए।
•शुरुआत में सिर और पैर को आप 20 से 30 डिग्री के कोण (एंगल) तक ऊपर उठाए। बाद में अभ्यास के साथ 45 डिग्री कोण तक भी ऊपर उठा सकते हैं।
•आपकी आँखे, हाथों की उंगलियां और पैरों की उंगलिया एक समान (line) में रहे तो बेहतर।
अपने पेट में हो रहे खिंचाव को महसूस करे।
•शरीर का पूरा वजन नितंब (Hips) के ऊपर रखे।
•अपने क्षमतानुसार इस स्थिति में 30 से 40 सेकंड रहे और धीरे-धीरे सांस लेते छोड़ते रहे।
अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पुनः पहली अवस्था में लेट जाए।
•यह एक चक्र हुआ। आप शुरुआत में 2 से 5 चक्र कर सकते है और फिर अभ्यास होने पर अपने क्षमतानुसार करे।
नौकासन के फायदे
मोटापा(Obesity) : नौकासन के नियमित अभ्यास से मोटापा तेजी से कम होता हैं।
पेट की चर्बी(Belly Fat) : नौकासन करने से पेट पर जमी हुई अतिरिक्त चर्बी तेजी से गायब हो जाती हैं। आप के पेट के आकार के साथ-साथ कमर का आकार भी पहले से छोटा हो जाता है।
पाचन शक्ति(Digestion) : नौकासन का रोजाना अभ्यास करने से पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं। आपको बदहजमी, गैस, कब्ज और पेट फूलना जैसी समस्या से आराम मिलता हैं।
स्नायु(Muscles) : नौकासन करने से पेट, कमर, पीठ और पैर के स्नायु मजबूत बनते हैं। आपका शरीर सुडौल और आकर्षित बनता हैं।
किडनी(Kidney) : नौकासन करने से किडनी सुचारु रूप से काम करती हैं। Creatinine level कम करने के लिए नौकासन योग मददगार साबित हुआ हैं।
मेरुदंड(Spine) : नौकासन करने से आपका मेरुदण्ड मजबूत और लचीला बना रहता है। और आपको बार-बार होने वाले कमरदर्द से भी आराम मिलता हैं।
हर्निया(Hernia) : हर्निया रोग से पीड़ित लोगो के लिए यह उपयोगी योगासन माना जाता हैं।
नौकासन में क्या सावधानी बरते ?
•कम ब्लड प्रेशर (Low BP), माइग्रेन और रीढ़ के हड्डी से जुड़ी गंभीर समस्या है तो आपको नौकासन नहीं करना चाहिए।
•अस्थमा और दिल के मरीज यह आसन न करे।
•अगर आपका हाल ही में कोई पेट का ऑपरेशन हुआ है तो आप नौकासन नहीं कर सकते हैं।
•यह योग गर्भावस्था और मासिक धर्म के पहले दो दिन में नहीं करना चाहिए।
•ऐसे तो यह योग हर्निया में लाभकारी है पर अगर आपको हर्निया की शिकायत है तो अपने डॉक्टर की सलाह से ही आपको नौकासन योग करना चाहिए।
नौकासन सिर के बालों से लेकर पैरों के नाखुनो तक लाभकारी माना जाता हैं। नौकासन करने के बाद में भुजंगासन योग करने से अधिक लाभ प्राप्त होता हैं। नौकासन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ले और योग प्रशिक्षक से सीख कर या उनकी देखरेख में ही इस योगासन का अभ्यास करे।